चान निहारे चान
माथे पर बा बिंदी टीका, ओठे पर मुस्कान।
अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान।
साजन सम्मुख रहें हमेशा, बनल रहो ई प्यार।
दुख-सुख अश्क खुशी नारी के, साजन से संसार।
प्रेम अमर हो जाइत प्रभु जी, बस अतने अरमान।
अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान।
ना चाहत बा सोना चानी, गहना गुरिया हार।
साजन साथ उमरिया बीते, कर दीं प्रभु उपकार।
मांगी में सिंदूर हमेशा, बनल रहो भगवान।
अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान।
जइसे धड़कन सांस हृदय में, जीवन में बा प्यार।
हमसे मुँह ना मोडऽ साजन, बा अतने मनुहार।
जनम जनम ले साथ न छूटे, जबतक तन में प्रान।
अद्भुत बा संयोग धरा पर, चान निहारे चान।
सन्तोष कुमार विश्वकर्मा सूर्य