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3 Jul 2023 · 1 min read

“चाणक्य”

“चाणक्य”
एक ही था बस।
दूसरा आना संभव नहीं।
“महाचाणक्य”
मूर्ख चाटुकारों की
बेहूदी कल्पना।।

■प्रणय प्रभात■

1 Like · 169 Views
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