चाकू
9कहानी – चाकू जो एक क्राइम कहानी हैं। रील=09
स्क्रिप्ट – रौशन राय का
तो क्राइम ब्रांच आॅफिसर आरोही राय ने कहा हां शेखर मुझे इस समय यहां आना पड़ा। शेखर पर क्यों मेम। आरोही राय इसलिए की हमें अभी आधा घंटा पहले एक फोन आया की मैं जिस लड़की की खोज कर रही हूं वो प्रताप की बहन और तुम्हारी नव विवाहित पत्नी जो अभी सुहाग सेज पर बैठी है उनका नाम ज्योति है हम उन्हें गिरफ्तार करने आये है। इस पर शेखर बोला मैडम जी ये सब बात सुबह भी तो हो सकता है न उधर ज्योति शेखर के आने का इंतजार कर रही है। शेखर के लाख मिन्नतें करने के बाद भी आरोही राय ने नहीं माना और शेखर को साईड कर सुहाग वाले कमरे में प्रवेश किया और जाकर सुहाग सेज के पास खड़ी होकर बोली ज्योति यु आर अंदर अरेस्ट, ज्योति ये बात सुनते ही घुंघट उठाई तो उनका होश उड़ गया सामने का नज़ारा देखकर आरोही राय के कहा ज्योति तुम्हें हम गिरफ्तार करते हैं और ये रही गिरफ्तारी वारंट ये देखकर ज्योति तो शुन्य हो गई और आरोही राय ने ज्योति के हाथ में हथकड़ी पहना दी और कहा चलो पुलिस स्टेशन सारे घर के लोग शादी में आये मेहमानों ने क्राइम ब्रांच के आरोही राय से विनती की पर वो एक न सुनी। शेखर एक बार फिर से आॅफिसरों से मिन्नतें की पर आरोही राय ने कहा कि मैं मजबुर और ज्योति को सबके सामने से लेकर चल दिया और सारे लोग ज्योति को टक टक जाते देख रहे थे। ज्योति शादी के महंगें लाल जोड़े में सोलह सिंगार से सजी हुई हाथ में कंगन सुहाग की चुड़ी पहने हुई थी और अब दोनों हाथों में हथकड़ी चारों तरफ से पुलिस खाखी वर्दी में ज्योति को को पुलिस वैन के पास ले गई और बोली चलो गाड़ी पर बैठो और वो सर झुकाए चुपचाप गाड़ी में बैठ गई और शेखर समेत परिवार रिश्तेदार देखता रह गया और पुलिस की गाड़ी पुलिस स्टेशन के लिए चल दिया। शेखर ने तुरंत प्रताप को फोन किया उधर वो चौंक गया और बोला ठीक है मैं आ रहा हूं और प्रताप पहुंचा सब लोग पुछते रहें की कहां जा रहे हों पर प्रताप ने किसीको कुछ नहीं बताया। शेखर और प्रताप को जितने बड़े लोगों से नेता से सम्पर्क था सबसे पैरवी की पर सबने एक ही बात कहीं भाई ये मडर की बात है इसमें हम अपना हाथ नहीं डालेंगे नहीं तो हमें भी लेने के देने पड़ जाएंगे एक नहीं अनेकों मडर की बात है भाई हमें माफ करो इसमें मैं तुम्हारा कोई मदद नहीं कर सकता हूं शेखर प्रताप और आये कुछ होशियारी रिश्तेदार के साथ सब पुलिस चौकी पहुंचा और क्राइम ब्रांच के आॅफिसर आरोही राय से बात करने लगा इस पर आरोही राय ने कहा आप लोगों का प्रयास व्यर्थ जाएगा हम आपके बहन और आपके पत्नी को नहीं छोड़। सकते और अब ये जल्दी छुटने वाली में से हैं भी नहीं क्यों की आप सब जानते है की अभी शहर में चारों तरफ सिर्फ मौत का तांडव हैं इसमें आपके पत्नी और आपके बहन ये पहला मुजरिम हैं उस कातिल तक पहुंचने में हां हम आपको इतना जरूर बता सकते है की इनके उपर यानी की ज्योति के उपर जो भी कार्रवाई की जाएगी वो सिर्फ लेडीज आॅफिसर ही करेंगे कल इसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और कोर्ट का जो आदेश होगा वहीं सलूक इनके साथ किया जाएगा आप लोग व्यर्थ में प्रयास कर रहे हैं जाईए घर पर ये हमारे कस्टर्डी में है तो सुरक्षित है मैं खुद एक औरत हूं औरत के इज्जत भावनाओं को भली-भांति समझती हूं इसके लिए आप सब निश्चित रहीए सारे लोग पुलिस स्टेशन से मायुस होकर लौट आए और सुबह का प्रतिक्षा करने लगे। शेखर और प्रताप के घर में जैसे मातम छा गया सारे लोग सोच बिचार में ही रात गुजार दिए और सुबह हुआ चिड़िया चहचहाने लगा धीरे-धीरे सुरज अपने लालीमा से जग रौशन करने लगा आज शायद किसको चय का भी ध्यान नहीं रहा और प्रताप शेखर के घर पर पहुंच गया शेखर तो घर से बाहर निकल में भी शर्मशार हो रहा था की लोगों के पुछने पर मैं क्या जवाब दुंगा मैं और मेरा परिवार एक शराफ़त की जिंदगी जी रहा था पर ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ अनेक प्रकार की बातें मन में उठ रहा था। प्रताप ने पहुंच कर देखा की सारे लोग गुमसुम होके बैठे हैं प्रताप सब का गुमसुमी तोरते हुए कहा अरे भाई चय वय बना की नही अगर नहीं तो लाओ मैं ही आज सबको चय बनाकर पिलाता हूं और शेखर के पास पहुंचा तो देखा की शेखर आंख में आंसू भरे प्रताप को प्रश्न भरें नजरों से देख रहा था। प्रताप ने ये बात समझ गया की शेखर मुझसे कुछ पुछना चाहता है। प्रताप शेखर के पास पहुंच कर उसका कंधा पकड़ा और कहा दोस्त तुम कभी ये नही सोचना की मैं तुम्हें अकेले इस उलझन में छोड़ दूंगा हम हर समय तुम्हारे साथ हैं और ये हमारे जीवन से भी तो जुड़ा है यदि ज्योति किसी गहड़े मुसीबत में फस गई तो वो हमारे बहन हैं। ज्योति पहले हमारे घर की ही मुसीबत हो सकती है तुम तो ये भी कहके टाल दोगे की हमें इन सबके बारे में कुछ पता नहीं था और ये लगभग सबको मानना पड़ेगा पर मैं और मेरे पापा क्या कहेंगे तुम देखो हमारे पापा बदनामी झेलने लायक है नहीं न तो हम क्या करें देखो शेखर तुम्हारे मन में हमारे प्रति जो भी सवाल उठे उसे उठने देना पर ये बात भी जरुर सोचना की हम दोनों इस मुसीबत से छुटकारा पाने के लिए ही ये शादी किये पहले तुम सिर्फ मेरा दोस्त था पर अब मेरा रिश्तेदार मेरा बहनोई है हो सकता है की मैं अपने दोस्त को छोड़ दूं पर रिश्तेदार बहनोई को नहीं छोड़ सकता हम पर तुम्हें विश्वास हो चाहे न हो। शेखर ने प्रताप का हाथ पकड़ कर सर हिलाया और कहा प्रताप मैं कुछ नहीं कर सकता हूं अपने पत्नी के लिए सिवाय आॅफिसर के पास गिड़गिड़ाने का क्यों की हम गरीब लोगों का कोई हमदर्द नहीं होता। प्रताप शेखर को गले लगाते हुए कहा मैं हूं हमारे पास जितना पावर और पहुंच है मेरे पास वो सब लगा देंगे जो होगा वो हम दोनों का होगा। शेखर और प्रताप दोनों कमरे से निकला। सुरज अपना लालीमा बिखेर चुके थे और उस लालीमा में थोड़ा थोड़ा गर्मी चढ़ने लगा था सुबह का नौ बज चुका है प्रताप के चर्चित जितने बड़े लोग थे सबसे प्रताप ने बात किया कोई कुछ कोई कुछ और कोई देखता हूं कहके बात को टालते गया। फिर भी कोर्ट चलने के लिए औरत मर्द मिलाकर बीस पच्चीस लोग हो ही गए उधर से प्रताप के मम्मी पापा भी आ गए और शेखर के मम्मी पापा को नमस्कार कर उनसे बातचीत करने लगे तब तक गाड़ी आ गया और सब लोग गाड़ी में बैठे और गाड़ी का ड्राइवर पो पो का हाॅरन दिया और उस थाने की ओर चल दिया जिसमें दुल्हन की जोड़े में ज्योति रात भर बंद थी। क्राइम ब्रांच के आॅफिसर आरोही राय ने पुलिस और लेडीज पुलिस इंस्पेक्टर को कड़े लब्ज़ में कह दिया था की ज्योति को कुछ नहीं होना चाहिए इस बात का डर था वर्णा कितने पुलिस वाले तो ज्योति को देखकर लाड़ टपकाते हुए बड़े अश्लील हरकतें करते और गंदे गंदे बात कह कर सुनाते । ज्योति के दुल्हन के जोड़े में हाथ पैरों में लोहे की कड़ी में बंधी ये सोचते हुए सुबह किया की हम क्या सोचकर ये कदम उठाए थे और क्या हो गया। अब तो मैं न अपने ससुराल की रही और ना ही मैके की। सुबह के साढ़े नौ बजे की सब लोग थाने पहुंचे तब तक क्राइम ब्रांच के आॅफिसर आरोही राय भी वहां पहुंच चुकी थी क्योंकि उनके उपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी था आरोही राय ने सिधा ज्योति के पास पहुंच तो देखा की ज्योति के हाथ पैरों में लोहे की कड़ी से बांध कर रखा गया था जो बहुत ही तकलीफें ज्योति को दे रहा था। ज्योति थी मुजरिम पर थी तो वो भी एक औरत ही ये देखकर आरोही राय ने पुलिस वाले से कहकर उसके बंधन को थोड़ा हल्का करने को कहा और पुलिस वाले ने ज्योति के बंधन को थोड़ा सा हल्का कर दिया। आरोही राय ज्योति का हाल समाचार लेकर जैसे ही बाहर निकली की शेखर और प्रताप के सारे लोगों ने घेर लिया और मिन्नतें के संग ये भी पुछे की कोर्ट कब चल रहें हैं तों आरोही राय ने सबको समझाते हुए कहा की अब हम निकलने वाले ही है दुसरे थाने से कुछ और सिपाही मंगाएं हैं उसके आते ही हम सब कोर्ट के लिए चल देंगे ये सब बातें हों ही रहा था की चार जीप भरके पुलिस सिपाही वहां पहुंच गया इस थाने का सारा पेपर आरोही राय अपने कब्जे में लेकर ज्योति को दुल्हन के ही जोड़े में हाथ पैरों में लोहे की हथकड़ी से बांधा हुआ बाहर निकला ये दृश्य देखकर ज्योति के मां और सांस तो बेहोश होकर गिर गई भाई और पति देखकर जैसे सदमे में पहुंच गया बाप ससुर का भी बुरा हाल हो गया जो लोग साथ में आये थे वो सब आश्चर्य चकित हो गया की आखिर इस लड़की ने कितना बड़ा जुर्म किया हैं जो इसको इस तरह से बांध कर रखा है। आरोही राय ने तीन जीप पुलिस पुरे हथियार से लैस आगे और तीन जीप पुलिस हथियार से लैस पिछे खुद को लगाकर सात बड़े बड़े आॅफिसर भी पुरे हथियार से लैस ज्योति के संग वैन में बैठी और ड्राइवर को चलने की आॅडर देती इससे पहले ज्योति के परिजनों से कहा आप लोग दुसरे रास्ते से कोर्ट पहुंचो और कोई किसी भी प्रकार की कोई हरकतें की तो समझो वो आज निश्चित ही मारा जाएगा इसलिए आप सब शांत होकर कोर्ट पहुंच कर कोर्ट के फैसले का इंतजार कर सकते हैं और ड्राइवर को चलने को कहा ड्राइवर गाड़ी स्टार्ट कर बीना हाॅरन दिये चल दिया। ये बात जे के को पता चल गया जे के ने रीना को फोन कर अनेकों गन्दी गन्दी गालियां देते हुए कहा की अगर मेरा नाम यहां तक की तेरा भी नाम ज्योति के ज़ुबान पर आया तो समझो तुम्हें मरना ही पड़ेगा इस पर रीना ने कहा सर आप निश्चित रहीए वो लड़की हमको तो जानती ही नहीं तो वो आपको कहा से जानेंगी। आरोही राय ज्योति को लेकर कोर्ट पहुंच गई वैसे ही उसे लोहे की कड़ी में बंधे दुल्हन के जोड़े में गाड़ी से उतारा की चारों तरफ से पुलिस सिपाही अपने बंदुक को ज्योति के तरफ तान दिया और आरोही राय ने पुलिस सिपाही को आॅडर दे दिया की यदि ये भागने की कोशिश करें तों इनको तुरंत गोली मार दों तब तक ज्योति के परिजनों भी वहां पहुंच गए सुबह का दस बज चुका है कोर्ट खुल गया है कोर्ट आदमियों से खचाखच भरा है आरोही राय समेत सारे पुलिस सिपाही ज्योति को लेकर कोर्ट के अंदर प्रवेश किया और ज्योति को एक कुर्सी पर बैठने को कहा और जज के आने का इंतजार करने लगे शेखर प्रताप और और दो चार लोग ज्योति के करीब आकर खड़े हो गए सारे लोग ज्योति को ही देख रहें थे। अब जज साहब आये और अपने कुर्सी पर बैठते ही सारे लोगों को सावधान करने के लिए दो बार टन टन की घंटी बजाए और कार्रवाई शुरू करने की इजाजत दे दी। वकील बहस शुरू कर दिया वकील ने वो सारा बात जज साहब के सामने खोलकर रख दिया जो अब तक मडर के रूप में हो चुका था चार घंटे के बहस के बाद जज ने ज्योति को पुछा की वो अपने सफाई में कुछ कहना चाहती है तो ज्योति खामोश रही इससे से ये साफ जाहिर हो रहा है की ज्योति का हाथ कहीं न कहीं इस जुर्म में है जों अभी समाज और शहर को दहला रखा है ज्योति के मैके और ससुराल वाले चुपचाप देख और सुन रहे थे उनके पास एक शब्द नही था की वो क्या बोले और क्या न बोलें अंत में जज साहब ने इंडियन कोर्ट के नियम अनुसार ज्योति को थर्ड डिग्री एक सप्ताह के रिमांड पर लेकर उन से सारे सुराग के बारे में पता लगाने को कहा। सारे परिजन खामोश बेहताश हुए चुपचाप देखते रह गए और आरोही राय को जज ये आदेश दिया की अब ये दोषी साबित हो गई है तो उनके दुल्हन की जोड़े को उतरवाकर उनके पति को दे दिया जाएं। आरोही राय ने जज साहब के आदेश का पालन किया और ज्योति के शरीर से दुल्हन का जोड़े उतार कर शेखर को दे दिया और ज्योति को मुजरिमों वाला ड्रेस पहना दिया। शेखर दुल्हन के जोड़े को अपने हाथ में पकड़ा और आरोही राय ने विनती किया की मैं उस एक बार देख सकता हूं तो आरोही राय ने शेखर को ज्योति के पास ले गया और शेखर सिर्फ प्रश्न भरें नजरों से ज्योति को देख रहा है और आंख में आसू भर आएं दोनों को पर कोई कुछ बोल नहीं पाया आखिर क्या बोलते दोनों एक दूसरे को कुछ देर शेखर ज्योति को देखा और ज्योति शेखर को की एक सिपाही ने कहा चलो भाई अब इनको जाने दो जेल के लिए और दो दिन के बाद इसका थर्ड डिग्री रिमांड शुरू होगा ज्योति टक टक शेखर को जाते हुए देखी पर वो शेखर को एक बार भी ये नहीं बोल पाई की शेखर हमें बचा लो शेखर बाहर आ गया और ज्योति को