चाकू
03कहानी = चाकू जो एक क्राइम कहानी हैं रील =03
हम दोनों यहां पर हों रहें मर्डर केस के कातिल को पकड़ने आये हैं। अब तो मनू सोचा अपने बेटे के कातिल को पकड़वाने में सावित्री और सागर का मदद करना ही पड़ेगा पर आपका आई डी ये सुनते ही सावित्री देवी अपने आई डी अपने ब्लॉज से और सागर अपने कुर्ता के जेब से निकाल कर मनू को दिखाया तो मनू को तसल्ली हुआ कि जुर्म के खिलाफ जंग जारी हो गया है पर गुप्त रूप से अब मनू खाना लगभग आधा पेट खाया फिर सावित्री और सागर ने मनू से कहा इस राज को मैं सिर्फ आपको ही बताया है वो भी आपके और आपकी पत्नी की हालत देखकर यदि ये राज खुला तो सबसे पहले हम आपको गिरफ्तार कर लेंगे क्योंकि ये समझा जाएगा की आप कातिल से मिलें हो, इस लिए आप इस राज को राज ही रहने देना अपने पत्नी से मन की बात लेकर आप मुझे बताओगे मनू ने हां में हां मिलाया और हाथ मिलाते कसम भी खाया कि मैं अपने मरे हुए बेटे की कसम खाते हैं कि इस राज को राज ही रहने देंगे चाहे मेरी जान चली जाए सावित्री देवी और सागर गुड कहके कहा कि अब आप पहले अपने पत्नी मालती को खाना खिलाइए और मनू मालती को खाना खिलाने के लिए कोशिश करने लगा तरह तरह से समझाने लगा और बोला हम दोनों फिर से बच्चे को जन्म देंगे लेकिन जब तुम ठीक रहोगी तब प्लीज मालती मेरे लिए अपने आप को सम्भालों और खाना खालो पर मालती खाना नहीं खाकर दो चार घुंट पानी पी के आंख से आंसू बहाते हुए विस्तर पर लेट गई तो सावित्री देवी और सागर मनू से गेट बंद कर लेने को कहा और मनू घर का गेट बंद कर लिया सावित्री देवी और सागर अपने कमरे में आने वक्त आपस में बातें कर जे के के घर के ओर चल दिया और जब उनके घर के पास पहुंचा तो घड़ी का वही समय हों रहा था जो कल बज रहा था। वो ऐसा बात कर रहा था जैसे कोई उनका खास अपना हो कल सावित्री देवी के साथ सागर नहीं था पर आज हैं लेकिन सावित्री देवी ने नोट किया कि कल जैसे ही बात हो रहा है तब सावित्री देवी ने सागर से कहा सागर कल जैसे ही बात आज भी जे के कर रहा है। तब सागर ने कहा कल की बात तों हमनें नहीं सुना पर आज का सुना तो अब ध्यान रखुंगा। और उनसे मिलने की कोशिश की तो जे के दरवाजे खोला और बोला तुम दोनों यहां वो भी इस समय तो सागर बोला जे के जी जब हम दोनों अपने घर जा रहा थे तो सोचा आपका हाल चाल लेते चलू एक आप ही तो है जों हम सब को भरोसा और हिम्मत देने वाले। और संयोग से आपका भी तबियत ठीक नहीं है फिर हम लोगों का तो राम ही रखवार है जैसे ही जे के सावित्री देवी से बात करने को मोबाइल कान से हटाया की सावित्री ने मोबाइल के चार नंबर देख लिया और जे के इस बात को समझ गया इसलिए मोबाइल को फटाफट से लाइट आफ कर दिया सागर बातें कर रहा हाल समाचार ले रहा था उनके झुठी तबियत खराब का और उनके कुछ बातों को ध्यान रखते दोनों जे के से आज्ञा लेकर अपने घर के लिए चल दिया। की जे के ने अपना शैतानी दिमाग फिर लगाया और फिर इस नतीजे पर पहुंचा की सारा कोड बदल दिया। सावित्री और सागर अपने घर पहुंचा और आपस में बहुत से बातें की और सुबह के इंतजार में दोनों सो गया। सुबह के सात ही बज रहा होगा कि पुलिस कमिश्नर के गाड़ी और डॉक्टर अपना ताम झाम लेके सोसायटी में पहुंच गया और सारे सिस्टम को सेट किया ग्लब्स पर लगें खुन तो मालती और मनू के बेटे समीर का ही था पर ग्लब्स को पहना कौन था और ग्लब्स में पड़े निशान किस्से मिलेगा उसके लिए डाॅक्टर सोसायटी के सभी लोगों को बारी बारी से चेक करना शुरू किया जिसमें सबसे पहले जे के ही आया और अपना चेकअप देकर फ़्री हो गया क्योंकि कि जे के निशान ग्लब्स के निशान से नहीं मिला और वो जानता था कि मेरा निशान ग्लब्स के निशान से नहीं मिलेगा इसलिए सबसे पहले आकर अपना शराफत का परिचय दिया जो एक नंबर का छटा हुआ बदमाश है ये, फिर सबने बारी बारी से अपना निशान चेकअप दिया अंतिम आदमी भी चेकअप दें दिया और किसी का निशान ग्लब्स के निशान से मिला। फिर वही हुआ कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। पुलिस बल पर फिर दोहरी वार हुआ जनता का,अब पुलिस कमिश्नर से अनुरोध किया कि सर अब हम सब स्वतन्त्र है किही जाने आने के लिए तो पुलिस कमिश्नर ने कहा हां आप सब स्वतन्त्र है। मिडिया वाले न जाने क्या क्या कह कर जनता को भड़काने और डराने लगा आप सब को तो पता है ही सारे लोगों के चेकअप में कैसे समय बीत गया पता ही नहीं चला और शाम से रात हो गई मालती इस बात से और दुःखी हो उठी की अब मेरे बेटे के कातिल को सजा नहीं मिलेगा आज भी मालती के घर में चुल्लाह नहीं जला और सावित्री देवी और उनका डुप्लिकेट पति सागर वहां पर खाना लेकर पहुंच गया और मनू से बोली मनू जी आप खाना खा लिजिए और मालती को हम दोनो खाना खिलाते हैं और आप हमरा सहयोग किजिए ताकि आप के बेटे समीर और सारे लोगों के कातिल पकड़ा जाए तो मनू ठीक है कहके मालती के सामने ही खानें के लिए बैठ गया और खाने एक एक निवाला मालती को दिखा कर उसे खिलाने की कोशिश की तो मालती एक आध बार खाई तो। सावित्री देवी ने कहा मालती बहन तुम अपनी हालत ऐसे ही एक दिन नहीं,दो दिन नहीं पुरे जीवन भर रखोंगी तो भी अब समीर जिन्दा या आने वाला नहीं है हां तुम थोड़ा धैर्य और हिम्मत से काम लोगी तो समीर के कातिल को पकड़ने और सजा दिलाने में हमारा मदद कर सकती हों। यदि सच में वो तुम्हारा पुत्र और तुम उसकी मां हों तो थोड़ा हिम्मत करो और मैं जो तुम से पुछ रही हूं उसका सही सही जवाब दो। तुम जानती हो कि हम दोनों कौन है, तभी मनू बोल पड़ा मालती ये दोनों क्राइम ब्रांच के आॅफिसर है और छः महिना में जितना कत्ल हुआ है उसी का पता लगाने और अपराधी को पकड़ कर उसे डंडीत करवाने यहां आये हैं, तो क्या तुम दोनों पति- पत्नी नहीं हो ऐसा मालती ने पुछा, सागर ने कहा कि हां हम दोनों पति- पत्नी नहीं है तों मालती ने कहा कि पुछो क्या पुछना चाहते हो। सावित्री,सागर और मनू को खुशी हुआ मालती की बात सुनकर अब सावित्री देवी ने कहा कि आज तुम थोड़ा और खा लों और समीर को भुल कर आज रात पुरे निंद में सो लेना ताकि दिमाग शांत और सन्तुलन में आ जाएगा और सावित्री सागर अपने घर आ गया। (थोड़ा रोमांटिक मूड में आके सावित्री ने कहा कि तुम ने ये क्यों कहा कि हम दोनों पति-पत्नी नहीं है तो सागर ने कहा कि मैं तो मालती को सत्य से अवगत कराया, जब हम पति पत्नी नहीं है तो नहीं है कि सावित्री सागर के करीब आकर बोली तुम्हारा ये सत्य झुठा भी तो हो सकता है। सागर बोला क्या मतलब तुम्हारा) मतलब हम बाद में समझाएंगे पहले आप्रेशन पर ध्यान देते हैं। सावित्री अच्छा सागर ये बताओ कि कातिल कौन हो सकता है तो सागर ने कहा सावित्री मैं जो सोच और समझ रहा हूं यदि तुम भी वही सोच समझ रही हो तो बात अशान हों जाएगा। सावित्री ने कहा पहेलियां मत बुझाओ साफ साफ कहो। तो सागर कहता है कि सावित्री हमरा मन कहता है कि असली कातिल इसी सोसायटी में हैं देखना तुम वो कातिल यही से निकलेगा। सावित्री देवी कहती हैं करेक्ट मेरे पति देव मेरा भी दिल यही कहता है। सावित्री तुम जे के के बारे में क्या कहना चाहती हो,तो सावित्री कहती जो तुम्हारा दिल कहता है वही मेरा भी दिल कहता है। सागर अब तुम पहेलियां बुझाने लगी हो। नहीं नही मेरे …. फिर सागर अभी तुम कह रही थी आॅपरेशन पर ध्यान देने को और तुम्हीं को मजाक सुझने लगा है। क्या करु मेरे डुप्लिकेट स्वामी बिना रश्मों रिवाज के जो तुम मेरे पति बन गए हों जी करता है मैं तुम्हें अपना पति बना ही लूं इस सरकार का भी अजीब कानून हैं अपने काम पुरा करने के लिए बिन ब्याही पति पत्नी बना दिया। सागर थोड़ा गर्म होते हुए ठीक है काम नहीं करने बिचार तो हम चले सोने के लिए। सावित्री नहीं नहीं सागर तुम गुस्सा मत हो अब हम दोनों ध्यान से कुछ देर मिटिंग करते हैं मैं तुम से सवाल करुंगी तो तुम जवाब देना और जब तुम सवाल करोगे तो मैं जवाब दुंगी। तो सागर ने कहा हमें ये बताओ कि तुम्हें लगता नहीं है कि जे के कुछ ज्यादा ही शरीफ हैं। तो सावित्री ने कहा हां तुम बिल्कुल ठीक कहते हो सागर, सागर कल जब हम तुम रात को मालती जी के घर जा रहें थे खाना लेकर तो वो कैसे जहर भरा मुस्कान दिया और जैसे ही हम लोगों को देखा वैसे ही अपना मुंह लटका लिया और बिमार जैसे करने लगा। सागर कहां हां सावित्री तुम सही कह रही हों और मुझे जे के पर उसी मुस्कान से शक होने लगा है। हों न हो कुछ न कुछ राज की बात जरूर है। सावित्री बोली अब कुछ न कुछ बात मालती और मनू से बात करने पर पता चल सकता हैं। हां सागर अब हम लोग सो जाते हैं और कल मालती और मनू से बारीकी से बात करेंगे। उधर सरकार से सरकार की हालत क्योंकि अब दुसरे राज्य के जनता अब इस पर सवाल उठाने लगा है। अब क्राइम ब्रांच वाले ने सावित्री और सागर से पुरा डिटैल्स लेते रहते थे कि तुम दोनों को जिस पर भी शक हो मुझे खबर करों और ये दोनों यही करता भी था। वो रीना के दिमाग का तो जे के ने बत्ती जला और डांट के संग गाली देते हुए कहा कि कुछ दिन तुम बाहर नहीं निकलना पर रीना को इस बात का मलाल और डर था कि वो जे के को एक ही बार देखी थी अब रीना जे के का चेहरा भी लगभग भुल चुकी थी तो उसने जे के से बोली सर मैं आपसे एकबार मिलना चाहतीं हूं कि ये बात सुनते ही जे के ने रीना को मां बहन कर दिया और बोला साली हमसे मिलने कि बात अभी मत कर क्यों की चारों तरफ पुलिस अपना जाल बिछा रखा है,कभी भी उस में तु फस सकती हैं पर मैं नहीं फस सकता हां इतना जरूर ध्यान रखना कि तेरी चालाकी तुम्हें ही का जाएगा। रीना अपने आप को बचाने के लिए शैतानी दिमाग लगाने लगी क्योंकि एक था शैतान का बाप तों दुसरी शैतान कि अम्मा रीना जे के के बात सुनी और सुनकर वो बिचार करने लगी कि क्या करना चाहिए क्योंकि जुर्म के दुनिया में भरोसा ही सबसे बड़ा दुश्मन है। हर जगह सन्नी डर अपना राज जमा लिया था अब तो पुलिस बाले को भी डर लगने लगा है पर क्या करें ड्यूटी तो अभी हर हाल में करना पड़ेगा जब तक कातिल पकड़ा नहीं जाता तब तक सभी का छुट्टी केनशील सप्ताहीक छुट्टी भी बंद हो गया। जे के और कोई हथियार का इस्तेमाल नहीं करता और ना ही रीना को करने देता क्योंकि की उनको डर रहता था कि दुसरे हथियार से मरे न मरे पर मेरे चाकू से नहीं बच सकता और जितने हथियार का इस्तेमाल पकर जाने का उतना ही ज्यादा खतरा और जे के, रीना सबको गला रेत कर ही मारता था और समुद्र में छुपा कर रखता था। जे के को नाम मात्र भी डर का निशान तक नहीं था। लेकिन ऐसा था कि अगर एक पकड़ में आता तों दुसरे को पकड़ जाने का डर रहता इसलिए जे के रीना को और रीना जे ओ के बचाने का पूरा प्रयास करता था। पर रीना ज्यादा खतरा से खेलती रहती थी और जे के बहुत कम, इसलिए न वो अपने सोसायटी में एक आदर्श व्यक्ति बनकर बैठा है। क्राइम ब्रांच वाले को भी पसीना छुटने लगा थि पर काम तो करना था। रात बित गई सावित्री, सागर फ्रेश हुआ इधर मनू मालती को तरह-तरह से समझा कर बहुत ज्यादा ठीक कर लिया था। और सावित्री, सागर के आने का इंतजार करने लगा, इंतजार कर रहा था सावित्री, सागर का और पहुंच गया जे के। और बहुत ही भावनात्मक रूप से मालती और मनू को समझानै लगा कि सावित्री और सागर केटली थर्मस में चय बनाकर मालती के घर पहुंचा कि देखता है जे के पहले से बैठा है सब लोगों में गुड मॉर्निंग हुआ और सबने सबका हाल समाचार लिया। जे थोड़ा देर बात करने के बाद बोला सावित्री तुम तो मालती का ध्यान रखा ही है पर दो चार दिन और रखो नेकी का बदला नेकी ही होता हैं और वहां से चल दिया।जे के को निकलने के बाद सागर ने मनू से पुछा कि जे के जी कब आये थे तो मनू ने कहा तुम्हारे आने से दस मिनट पहले। तब सावित्री ने पुछा क्या बात चीत हुआ आपस तुम लोगों में तो मालती बोली कुछ नहीं वो हिम्मत करने को कह रहे थे।वो हम दोनों से अच्छा ही बात कहके गए। तो सागर ने कहा भाई वो तो भले इंसान तो है ही वो सबका ध्यान और भले की बात करते हैं। ये सब बातें करते लगभग दस मिनट बीत गया होगा कि उधर से एक बुढ़िया मालती के घर आ रही थी हाल समाचार लेने के लिए तो देखा जे के वहां पर छुपके खड़ा और कमरे के भीतर हो रहें बात