चाइना का टिकाऊ माल।
खूब शोर मचाते थे कि चाइना का माल सस्ता और टिकाऊ नहीं होता। आज इस सामान का बहिष्कार करो कल उसका। चले तो चाँद तो न चल3 तो खराब हो जाए शाम तक। अमेरिका ने भी व्यापार युद्ध छेड़ रखा था। फिर क्या था आया चाइना वालो को गुस्सा , बनाया एक टिकाऊ बेहद असरदार चाइना वायरस और सबसे पहले अपनी आबादी पर उसका प्रयोग कर उसकी सटीकता और विविधता को प्रमाणित किया और फिर भेज दिया पूरे संसार में , वो भी मुफ्त। अब कहो चाइना का माल असरदार और टिकाऊ नहीं होता। सरकारें यही सोच कर बैठी रहीं की ये भी अन्य चाइना मेड सामानों जैसा होगा। लापरवाही की , समय पर सतर्कता नहीं बरती। अब हायतौबा मची है पूरे संसार में और न तो इसका बहिष्कार कर सकते हैं और न ही जल्दी इसका कोई तोड़ खोज सकते हैं। दो लहर में तो लाखों को समेट लिया अब तीसरे में देखिए क्या गुल खिलाता है। इसीलिये बुजुर्ग कह गये हैं कि किसी को भी आवश्यकता से अधिक नहीं चिढ़ाना चाहिए। मत खरीदते उनका समान। कोई जबरदस्ती तो आपके देश में लाकर डाल नहीं रहा था। आप ही सस्ते के चक्कर में बड़े बड़े जहाजों में भरकर खरबों टन माल मंगाते थे ऊपर से मजाक भी उड़ाते थे।
अब भेज दिया है। बिना कोई शुल्क लिए झेलो। खूब ताली थाली बजाओ क्योंकी चाइना की बजाने की न तो हमारी औकात है और न अन्य देशों की। यदि होती तो अब तक चाइना का बैंड बज चुका होता।
जय कोरोना , अब भोगोना।