चांदनी की चादर। चांदनी की चादर ओढ़कर देखो मेरा घर चमक रहा है। यूं लगे आज महताब बनकर शबनम इस पर बरस रहा है।। ✍️✍️ ताज मोहम्मद ✍️✍️