Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Aug 2018 · 2 min read

चाँद में भी दाग होता है

वक़्त भी अजीब उलझनें देकर चला जाता है कभी जाति, धर्म, सम्प्रदाय के नाम पर तो कभी प्राकृतिक घटनाओं के नाम पर और कभी कभी मानवीयकृत आपदाओं के नाम पर।

आदमी भी आजकल ‘चाँद’ बनकर रह गया है जो कभी सम्पूर्ण दिखाई ही नहीं देता पता नहीं ऐसा क्यों है, वो इसलिए शायद क्योंकि हर व्यक्ति अपने स्वयं के हित के लिए अपने कर्त्तव्यों को भूल रहा है जैसे कि वो बिल्कुल अंजान हो और उसे कुछ नहीं आता है।

अगर वो दिखाई भी देने लगे तो भी उसमें कुछ न कुछ अधूरा सा अवश्य लगता है बस यही अधूरापन उसके सारे क्रियाकलापों का एहसास दिला देता है कि हर व्यक्ति में कुछ न कुछ दाग होता है जिसे हम आज भी अनदेखा कर देते हैं वो अनदेखा उसके कर्मों के अनुसार ही किया जाता है , जैसे कि – “चाँद”

चाँद भी अजीब उपहार है प्रकृति का जो सभी के हिस्से में बराबर है लेकिन वो निर्भर बांटने वाले के ऊपर करता है कि वो सबको समान हिस्सा देकर अपना हिस्सा कैसे संभाल पाता है।

अगर चाँद को ही देखा जाये तो चाँद कुछ दिनों तक ही अपना आकार लेता है और जब अपना पूर्ण आकार ले लेता है तभी कुछ दिनों के लिए हमेशा की तरह गायब हो जाता है जैसे पता नहीं क्या हुआ।

बस यही एक उलझन चाँद पर अनेक अंकुश लगाती है यह भी एक दाग है जिसका महत्व आज तक कोई समझ नहीं पाया है जैसे आज के माहौल में हर व्यक्ति को एक सफल व्यक्ति बनने के लिए अपनी स्वयं की इच्छाओं को किसी दूसरे व्यक्ति के सहारे गिरवीं रखनी पडेंगी तभी वह कुछ उपल्बधियों को छू पायेगा।

अन्यथा वह कभी भी अपनी मंज़िल तक नहीं पहुँचेगा और राहों ही राहों में गुमराह होता हुआ फिरता रहेगा बस यही है कि – “चाँद में भी दाग होता है”

Language: Hindi
1 Like · 411 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू डरकर इस समाज से
तू डरकर इस समाज से
gurudeenverma198
तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता
तूँ है कि नहीं है ये सच्च सच्च बता
VINOD CHAUHAN
"आए हैं ऋतुराज"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
उमंग
उमंग
Akash Yadav
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Nhà cái AB77 là nền tảng cá cược uy tín, chuyên nghiệp với đ
Ab77
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
दवा दारू में उनने, जमकर भ्रष्टाचार किया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
ग्रन्थ
ग्रन्थ
Satish Srijan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
3419⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
चुनाव
चुनाव
*प्रणय*
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
अधूरापन
अधूरापन
Dr. Rajeev Jain
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
*राधेश्याम जी की अंटे वाली लेमन*
Ravi Prakash
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
" उम्र "
Dr. Kishan tandon kranti
भेज भी दो
भेज भी दो
हिमांशु Kulshrestha
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
Ajit Kumar "Karn"
मन के सारे भाव हैं,
मन के सारे भाव हैं,
sushil sarna
मॉर्निंग वॉक
मॉर्निंग वॉक
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
भगवती पारीक 'मनु'
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिसकी विरासत हिरासत में है,
जिसकी विरासत हिरासत में है,
Sanjay ' शून्य'
तुम आ जाओ एक बार.....
तुम आ जाओ एक बार.....
पूर्वार्थ
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
"Success is Here inside
Nikita Gupta
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
पुलिस बनाम लोकतंत्र (व्यंग्य) +रमेशराज
कवि रमेशराज
चलो   बहें   सनातनी  सुपंथ  के  बयार  में।
चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
Loading...