Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 May 2024 · 1 min read

चाँद को चोर देखता है

चाँद को चोर देखता है
मोरनी को मोर देखता हैं
हमे बहुत बुरा लगता हैं
जब तुझे कोई और देखता है
ऋतुराज वर्मा
8953057283

70 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
प्रेम को भला कौन समझ पाया है
Mamta Singh Devaa
"परिश्रम: सोपानतुल्यं भवति
Mukul Koushik
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
्किसने कहा नशें सिर्फ शराब में होती है,
Radha Bablu mishra
चाय - दोस्ती
चाय - दोस्ती
Kanchan Khanna
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
बिन बुलाए कभी जो ना जाता कही
कृष्णकांत गुर्जर
सुनो तुम
सुनो तुम
Sangeeta Beniwal
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Effort € Strengths
Effort € Strengths
Ashish Kumar chaubey
"कवियों की हालत"
Dr. Kishan tandon kranti
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
ऐसे रूठे हमसे कि कभी फिर मुड़कर भी नहीं देखा,
Kanchan verma
आँखों का कोना,
आँखों का कोना,
goutam shaw
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
*** सिमटती जिंदगी और बिखरता पल...! ***
VEDANTA PATEL
प्रतीकात्मक संदेश
प्रतीकात्मक संदेश
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
Neelofar Khan
..
..
*प्रणय*
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
*मुहर लगी है आज देश पर, श्री राम के नाम की (गीत)*
Ravi Prakash
मुझको खुद की दुख और पीड़ा में जीने में मजा आता है में और समझ
मुझको खुद की दुख और पीड़ा में जीने में मजा आता है में और समझ
पूर्वार्थ
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
3646.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
नस-नस में तू है तुझको भुलाएँ भी किस तरह
Dr Archana Gupta
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
स्वयं सुधरें तो जग सुधरेगा
स्वयं सुधरें तो जग सुधरेगा
भगवती पारीक 'मनु'
रतन चले गये टाटा कहकर
रतन चले गये टाटा कहकर
Dhirendra Singh
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
कृष्ण मारे तो बचाए कौन? कृष्ण बचाए तो मारे कौन?
Ujjwal kumar
दोहा त्रयी. . . शीत
दोहा त्रयी. . . शीत
sushil sarna
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
लाल दशरथ के है आने वाले
लाल दशरथ के है आने वाले
Neeraj Mishra " नीर "
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
भूल चूका हूँ सब कुछ बाबा- भजन -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
Loading...