Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2021 · 1 min read

चलो बता ही देते हैं ___ शेर

चलो बता ही देते हैं ,अब तुमसे क्या छुपाना।
दिल दिया पहली नजर में, तुम्हें ही अपना माना।
भरोसा है तुम पर उतना ,जितना खुद पर रखते हैं,
भूलोगे नहीं जाने जां , तुम हमसे दिल लगाना।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
Tag: शेर
3 Likes · 8 Comments · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इस जग में है प्रीत की,
इस जग में है प्रीत की,
sushil sarna
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
महोब्बत करो तो सावले रंग से करना गुरु
शेखर सिंह
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
-- आगे बढ़ना है न ?--
-- आगे बढ़ना है न ?--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"क्रोध"
Dr. Kishan tandon kranti
नील पदम् के दोहे
नील पदम् के दोहे
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
*सीधेपन से आजकल, दुनिया कहीं चलती नहीं (हिंदी गजल/गीतिका)*
*सीधेपन से आजकल, दुनिया कहीं चलती नहीं (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
गुज़ारिश आसमां से है
गुज़ारिश आसमां से है
Sangeeta Beniwal
আমি তোমাকে ভালোবাসি
আমি তোমাকে ভালোবাসি
Otteri Selvakumar
प्रेम निभाना
प्रेम निभाना
लक्ष्मी सिंह
कोरोना का आतंक
कोरोना का आतंक
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आज़ादी के दीवाने
आज़ादी के दीवाने
करन ''केसरा''
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
मोहब्बत
मोहब्बत
Dinesh Kumar Gangwar
बेवक्त बारिश होने से ..
बेवक्त बारिश होने से ..
Keshav kishor Kumar
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
हिंदी साहित्य में लुप्त होती जनचेतना
Dr.Archannaa Mishraa
■ रहस्यमयी कविता
■ रहस्यमयी कविता
*प्रणय प्रभात*
मदर्स डे
मदर्स डे
Satish Srijan
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
विपरीत परिस्थिति को चुनौती मान कर
Paras Nath Jha
कई बात अभी बाकी है
कई बात अभी बाकी है
Aman Sinha
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
ग़ज़ल/नज़्म: सोचता हूँ कि आग की तरहाँ खबर फ़ैलाई जाए
अनिल कुमार
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
माटी
माटी
AMRESH KUMAR VERMA
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
आदि गुरु शंकराचार्य जयंती
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक शे'र
एक शे'र
रामश्याम हसीन
2948.*पूर्णिका*
2948.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सरपरस्त
सरपरस्त
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
गुरुकुल भारत
गुरुकुल भारत
Sanjay ' शून्य'
सबने हाथ भी छोड़ दिया
सबने हाथ भी छोड़ दिया
Shweta Soni
Loading...