चलो चलो शिव के दरबार
(शेर)- किसका नहीं किया है कल्याण, बोलो भोलेनाथ ने।
सावन के महीने में हमको, बुलाया है भोलेनाथ ने।।
———————————————————-
चलो चलो, शिव के दरबार।
करते हुए यह, जय जयकार।।
हर हर शम्भू , जय शिव शम्भू।—(2)
चलो चलो———————-।।
इस सृष्टि का, स्रोत है शंकर।
सबके उद्धारक है, शिव शंकर।।
कावड़ उठा, चल शिव दरबार।
करते हुए यह, जय जयकार।।
हर हर शम्भू , जय शिव शम्भू।—(2)
चलो चलो———————-।।
नंदी पे सवार है, पशुपतिनाथ।
स्वंय में परिपूर्ण है, भोलेनाथ।।
सावन में सखी, चल शिव दरबार।
करते हुए यह, जय जयकार।।
हर हर शम्भू , जय शिव शम्भू।—(2)
चलो चलो———————-।।
पीकर विष, नीलकंठ कहलाये।
मंगलमय, यह शिव कहलाये।।
इसीलिए शिव को, पूजे संसार।
करते हुए यह, जय जयकार।।
हर हर शम्भू , जय शिव शम्भू।—(2)
चलो चलो———————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)