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5 Nov 2024 · 1 min read

चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम

चलते रहे थके नहीं कब हौसला था कम
आईं भी अड़चनें बड़ी रोके न पर कदम
हर हार को बदलते रहे जीत में यहाँ
लक्षित शिखर को इसलिए ही छू सके थे हम
डॉ अर्चना गुप्ता
04.11.2024

Language: Hindi
38 Views
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