चमचागिरी
कोई बुराई नहीं है चमचागिरी में
ज़िंदगी संवर जाती है चमचागिरी से
बस थोड़ी सी तारीफ ही तो करनी है
फिर ये गुरेज़ कैसा चमचागिरी से
जिसने भी अपनाया है इसे
आज शिखर पर पहुंच गया
लेकर सहारा जिस शख्स का
उससे भी ऊपर पहुंच गया
बुरे को अच्छा कहना है सलीके से
फटे दूध को दही कहना है तरीके से
पकड़ना है बस कमज़ोर नब्ज़ उसकी
फिर उसको ही सहलाना है धीरे से
है काम आसान कोई मेहनत नहीं
है जो ऊंचाई पर अच्छा ही कहना है उसको
कहता है अगर वो कुछ या करता है कुछ
अद्भुत और अविश्वसनीय कहना है उसको
कहता है वो दिन को रात तो तुम भी कह दो
होगी खुशी उसको,तुम्हारा क्या जायेगा
विजेता ही तो कहना है तुम्हें उसे
क्या हुआ अगर हारकर भी वो आएगा
जान ले लेकिन सफल होगा तू तभी
जब तू उसकी जरूरत बन जायेगा
तेरे मक्खन की ताकत से वो आगे बढ़ेगा
तेरे बिना वो एक भी कदम न चल पाएगा
चमचे तो बहुत होंगे उसके
लेकिन एक तू ही उसको भाएगा
चमचों में अग्रणी बनेगा जब तू
तभी तू एक सफल चमचा कहलाएगा