चन्द तंज़
आजकल हसीनाएं कुछ ज्यादा अक्लमंद हो गई है उन्हें सब आश़िक अक्ल़ से बीमार नज़र आते हैं।
वो देख कर भी अनदेखा कर जाते हैं शायद उन्होंने मुझसे ज्यादा दौलत कमा ली है।
उन्होंने फ़िक्र को धुएँ में उड़ा उड़ा कर बैठे-बिठाए बीमारी को दावत दे दी है ।
ग़म को ग़लत करने के लिए उन्होंने हाला पी पीकर अपना ये हाल कर लिया है के हाल़ात संभलते नहीं।
इश्क़ ने मुझे इस क़दर गिरफ़्तार किया है के मुझ पर खुद का इख़्तियार नहीं है ।