Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ

चंद सवालात हैं खुद से दिन-रात करता हूँ
मैं चुप रहकर भी दीवारों से बात करता हूँ

1 Like · 115 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

अधूरा नहीं
अधूरा नहीं
Rambali Mishra
3613.💐 *पूर्णिका* 💐
3613.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दिल धोखे में है
दिल धोखे में है
शेखर सिंह
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
ना जाने कैसी मोहब्बत कर बैठे है?
Kanchan Alok Malu
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
शिमला, मनाली, न नैनीताल देता है
Anil Mishra Prahari
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
समय बदल गया है और यह कुछ इस तरह रिश्तों में भी बदलाव लेकर आय
समय बदल गया है और यह कुछ इस तरह रिश्तों में भी बदलाव लेकर आय
Rekha khichi
रोला छंद. . . . बाल दिवस
रोला छंद. . . . बाल दिवस
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
धड़का करो
धड़का करो
©️ दामिनी नारायण सिंह
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
फागुन आया झूमकर, लगा सताने काम।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
रंग जाओ
रंग जाओ
Raju Gajbhiye
" विश्व शांति "
DrLakshman Jha Parimal
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
शीर्षक -श्रीराम उत्सव!
Sushma Singh
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
हमेशा अच्छे लोगों के संगत में रहा करो क्योंकि सुनार का कचरा
Ranjeet kumar patre
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
आगमन राम का सुनकर फिर से असुरों ने उत्पात किया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
इतना आसां नहीं ख़ुदा होना..!
पंकज परिंदा
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
शराबियो और जुआरीओ को हर समय रुपए की तलब लगी रहती है उनके अंद
शराबियो और जुआरीओ को हर समय रुपए की तलब लगी रहती है उनके अंद
Rj Anand Prajapati
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
अंसार एटवी
रियलिटी of लाइफ
रियलिटी of लाइफ
पूर्वार्थ
"सुनो"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
सुप्रभात
सुप्रभात
Kumud Srivastava
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
आना भी तय होता है,जाना भी तय होता है
Shweta Soni
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
सियासी वक़्त
सियासी वक़्त
Shikha Mishra
Loading...