*** चंद शेर ***
नूर तेरी नजरों का ना देख पायेंगे अब
जिस्म की चकाचौंध से अंधे हो जायेंगे 1
सौदा प्यार का ज़मीर वाले कब कर पायेगे
दौलत वाले जिस्म को खरीद दिल हार जायेंगे2
कौशिश इक बार फिर प्यार को पाने
वरना हारे हुए फिर हार से जायेंगे 3
जीत कर भी अब कौन सा सुख पायेंगे
प्यार में हारकर भी तो हम जीत जायेंगे 4
जिस्म को छलनी अल्फाज़ो से वो कर जायेगे
अब कौन से आतंकी से वो कम रह जायेंगे 5
मौत का खेल बना अब प्यार का खेल
मुहब्बत में आशिक़ लड़ मर जायेंगे 6
कहने को तो हम गज़ल कह जायेंगे
सुनकर दर्द -ए-दास्ता आप रो जायेंगे 7
भीख में हमको नही चाहिए प्यार के मोती
दाव-जान का गोता सागर में लगा जायेंगे 8
नो मन तेल ना होगा कोई बात नहीं
भाप-आंगन पे राधा को नचा जायेंगे 9
कृष्ण ने कंस को ना मारा तो अच्छा होता
आज महाभारत के नेता कंस को लजायेंगे 10
शकुनि एक ने सौ कौरवो की अक्ल को बेचा
आज के नेता फिर शकुनि क्या बन पायेंगे 11
?मधुप बैरागी