चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई – मुक्तक
१.
चंद रोज़ पहले ही उनसे मुलाक़ात हुई
नज़रों से नज़रें मिलीं, पर न कोई बात हुई
कछ हमारी धड़कनें बढ़ीं , कछ उनका दिल बेकरार हुआ
तमन्ना जवां हुई , नज़रों से दिल की बात हुई
२.
वो भी करार हुए हम भी बेकरार हुए
दिल से दिल कीं राह मिली , हमारी मुलाक़ात हुई
उनको हमारी मुहब्बत पर गुमान था
न जाने दुनियां को हमारी ये मुहब्बत न रास हुई
3.
प्यार के उन लम्हों को न भूलेंगे हम
चाँद की रोशनी में मिले थे हम
बाहों मे बाहें , लबों पर लब थे
उन एहसासों को यूं न भूलेंगे हम