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9 Aug 2018 · 1 min read

देश में एकता अब सलामत रहे।

जाति बन्धन हमेशा सलामत रहे,
भेदभाव की मंशा नदारद रहे,
मित्र मिल जुल रहें प्यार उनमें अमिट,
देश में एकता अब सलामत रहे ।1।

मित्र निज देश हित भक्ति वरदान हो,
भावना प्रेम की नित्य पहचान हो .
हम जियें और मरें राष्ट्र हित के लि ये,
लोक हित का परस्पर ही प्रति दान हो।2।

सूझती है ,समय पर दिल की गली,
सोचती, पूछती ,बूझती हर कली
जानकर भूलता ,जो मुझे है सदा
कोसती है उन्हें प्यार की हर गली।3।

चांद की चांदनी अब निखरने लगी,
अब महकने ,संवरने ,चमकने लगी,
बादलों में अजब की कशिश है बहुत,
चन्द्रिका चांद की अब छलकने लगी ।4।

09 .08.2018. डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
सीतापुर

Language: Hindi
3 Likes · 311 Views
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