चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद खुशी तेरे हिस्से की और चंद ग़म मेरे हों।।
मेरा दामन, तेरा पहलू, दोनों मिलकर गाँठ लगायें।
चलो जलाएं प्रेम अग्नि को, तेरे मेरे फेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद खुशी तेरे हिस्से की और चंद ग़म मेरे हों।।
मेरा दामन, तेरा पहलू, दोनों मिलकर गाँठ लगायें।
चलो जलाएं प्रेम अग्नि को, तेरे मेरे फेरे हों।