Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Apr 2021 · 1 min read

चंद एहसास

1.

हम भी क्यों न पालें , एक दिल अपने सीने में
आज भी खुदा के फरिश्तों की , कमी नहीं है इस दुनिया में

2.

इंसानियत की राह को खुदा की , नेमत समझ क़ुबूल लें हम
बहकें तो संभाल ले कोई, गिरें तो उठा सके कोई

3.

अपनी कोशिशों , अपनी इबादत को उस खुदा की अमानत कर लो
कोई तो हो इस जहां में, जिसे खुदा जन्नत नसीब करे

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
मन तो मन है
मन तो मन है
Pratibha Pandey
ज़िन्दगी के निशां
ज़िन्दगी के निशां
Juhi Grover
खुद स्वर्ण बन
खुद स्वर्ण बन
Surinder blackpen
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
जिसकी लाठी उसकी भैंस।
Vishnu Prasad 'panchotiya'
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
- में अब अकेला जीना चाहता हु -
bharat gehlot
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार निश्छल
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हिन्दी की दशा
हिन्दी की दशा
श्याम लाल धानिया
*झाड़ू (बाल कविता)*
*झाड़ू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
प्रीतम दोहावली- 3
प्रीतम दोहावली- 3
आर.एस. 'प्रीतम'
"चाँद सा चेहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम्हारी हाँ है या ना ?
तुम्हारी हाँ है या ना ?
Dr. Rajeev Jain
सावित्रीबाई फुले विचार
सावित्रीबाई फुले विचार
Raju Gajbhiye
सूना आँगन
सूना आँगन
Rambali Mishra
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
किस क़दर गहरा रिश्ता रहा
हिमांशु Kulshrestha
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
काम और भी है, जिंदगी में बहुत
gurudeenverma198
क्रूर घिनौना पाप
क्रूर घिनौना पाप
RAMESH SHARMA
2693.*पूर्णिका*
2693.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिंदा होने का सबूत
जिंदा होने का सबूत
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
कुछ अश्आर...
कुछ अश्आर...
पंकज परिंदा
काश जाने वालों के पास भी मोबाइल होता...
काश जाने वालों के पास भी मोबाइल होता...
MEENU SHARMA
मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परा
मिथिलाक सांस्कृतिक परम्परा
श्रीहर्ष आचार्य
मेरे भैया मेरे अनमोल रतन
मेरे भैया मेरे अनमोल रतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
कृष्णा बनकर कान्हा आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
Mahesh Tiwari 'Ayan'
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
लक्ष्य या मन, एक के पीछे भागना है।
Sanjay ' शून्य'
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
अर्धांगिनी सु-धर्मपत्नी ।
Neelam Sharma
भाल हो
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Loading...