चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
कौन कहता है अंधेरों को बस चराग ही रौशन करते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
चंद आंसूओं से भी रौशन होती हैं ये सारी जमीं,
कौन कहता है अंधेरों को बस चराग ही रौशन करते हैं
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”