चंद आँसू बचा कर रख
चंद आँसू बचा कर रख
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चंद आँसू बचा कर रख,
राज सीने छिपा कर रख।
देख कर हाल साजन का,
हीर सा मुख सजा कर रख।
राख हो तन-बदन पल में,
आग दिल में लगा कर रख।
बाग से फूल मत तोड़ो,
हाथ मे शूल चुभा कर रख।
फंस जाए शिकारी झट,
जाल सघना बुना कर रख।
रात को जाग मनसीरत,
प्यार के गम भुला कर रख।
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सुखविंदर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)