चंद्रयान
घनाक्षरी – चन्द्रयान तीन
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भारत के मित्र है जो,
शुभता के चित्र है जो।
उनका नमन किया,
मान में सम्मान में।
हार कहाँ सकते है,
हम कहाँ रुकते है।
हम ही तो विश्व गुरु,
विविध विधान है।
प्रज्ञान विक्रम संग,
चाँद पे जमाये रंग।
विश्व को किया है दंग,
भारती की शान में।
चाँद पे जमाके पैर,
देश कर रहा शैर।
रच दिया इतिहास,
आज चन्द्रयान में।
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डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” ✍️