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4 May 2024 · 1 min read

चंदा

चंदा
मुझे बताओ
अब कहां गई तुम्हारी
मदभरी चांदनी
जिसके तले
प्रेमी दिल अक्सर
मिला करते थे
संग रहने की हर पल
दुआ करते थे
वह शीतल चांदनी
कारण थी जो
प्रेम के मधुर गीतों का
प्रफुल्लित कमल तड़ागों का
कहीं ऐसा तो नहीं
कि तुम भी मेरी तरह
प्रेम की विरह अग्नि में धधक रही हो।।

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