चंचल मन***चंचल मन***
चंचल मन***चंचल मन***
चंचल मन अति ही पावन
पल मे करे ये जग भ्रमण
कभी अयोध्या, कही ये काशी
कभी करे ये हज़ का भ्रमण ।
चंचल मन अति ही पावन
एक क्षण करे ये मात की भक्ति
कभी करे ये राष्ट्र की भक्ति
पल मे करे ये सब खुद पर अर्पण ।।
चंचल मन अति ही पावन
कभी यहाँ तो कभी वहाँ
कैसा मन है ये पावन
रहे कभी ना एक पल स्थिर ।।।
***दिनेश कुमार गंगवार ***