घाव प्रेम के
घाव के अपने प्रकार हैं
कुछ दर्द छोड़ जाते हैं
कुछ दाग,
दुर्घटनाओं में आई चोटों के
घाव भर जाते हैं
दाग बने रहते हैं ,
गाल पर पड़े तमाचों के
दाग छूट जाते हैं
घाव बने रहते हैं,
जिनके दाग छूट जाते हैं
वे घाव देर तक हरे रहते हैं
भीतर ही भीतर
किसी कोने में,
उनको भरने के लिए कोई मलहम नही
सिवाय प्रेम के
घाव देने के बाद
किया गया प्रेम अनावश्यक है
गुलाब का फूल तोड़ने के पहले
काँटा चुभ जाए
तो फूल अच्छा नही लगता..।
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देवेन्द्र दाँगी