*घर*
प्यारे प्यारे होते घर,
न्यारे न्यारे होते घर।
मिलकर रहते सब अपने,
यहां साकार होते सपने।।
खिलाता पिलाता आराम दिलाता,
हमारे स्वागत में बिछ जाता।
ईंटों का यह नहीं है घेरा,
अपनों का यहां रहता पहरा।।
घर पर होते सब संग संग,
मिले ताजगी नई उमंग।
भविष्य की यादें बनाता,
आपदाओं से हमें बचाता।।
मेरा और तुम्हारा घर,
भोजन देता देता जल।
थकान मिटाता अपना घर,
प्रेम स्नेह से करता तर।।
अनेक जुड़ी है इससे यादें,
पूरे होते यहां से वादे।
मिलकर रहता घर परिवार,
अपनों का यह है संसार।।