घर
हर कोई , निज ‘घर’ बनाना चाहे।
हर रिश्तों से,सदा दूर जाना चाहे।
ईंट व पैसों से , घर तो बन जाती;
पर ऐसे घरों में बैठ,भरें सब आहें।
हर कोई , निज ‘घर’ बनाना चाहे।
हर रिश्तों से,सदा दूर जाना चाहे।
ईंट व पैसों से , घर तो बन जाती;
पर ऐसे घरों में बैठ,भरें सब आहें।