घर हराता है
कोई दिल प्यार से डरता किसी को डर डराता है।
कोई अपराध अपने याद करके थरथराता है।
जो हिम्मत हार बैठा है वो बाज़ी जीत सकता था,
न हारा कोई दुनियां से सभी को घर हराता है।
संजय नारायण
कोई दिल प्यार से डरता किसी को डर डराता है।
कोई अपराध अपने याद करके थरथराता है।
जो हिम्मत हार बैठा है वो बाज़ी जीत सकता था,
न हारा कोई दुनियां से सभी को घर हराता है।
संजय नारायण