घर ये शिरडी का जग से निराला है रे
दर ये साईं का अपना शिवाला है रे
घर ये शिरडी का जग से निराला है रे
घर ये शिरडी का …….
थी अंधेरों में गुम ये मेरी ज़िंदगी
दर पे बाबा के पाया उजाला है रे //१.//
घर ये शिरडी का …….
उम्र बाबा के चरणों में ही बीतेगी
मुझको साईं बचपन से पाला है रे //२.//
घर ये शिरडी का …….
साईं के नाम से, रोग कटते सभी
दर ये साईं का सबसे निराला है रे //३.//
घर ये शिरडी का …….