घर मेरे तुम भी आ जाना__ गीत
मैंने शीश झुकाया_ _ तेरा ध्यान लगाया।
मैय्या दर तेरे आया _मुरादे भी साथ लाया।।
___घर मेरे तुम भी आ जाना।
***घर मेरे तुम भी आ जाना***
(१)
सभी को तो कहना है _ तुम करती हो बेड़ा पार।
दास बन दर खड़ा मैया ,करो करो मेरा भी उपकार।।
दीप जलाया मैंने__ भोग चढ़ाया मैंने।
मैया भोजन करने आ जाना।
***घर मेरे तुम भी आ जाना***
(२)
भेदभाव भूल जाऊं _ अपनापन मैं तो पाऊं।
जब _ जब जीवन पाऊं_ शरण में तेरी आऊं।।
तेरी महिमा को गाया _ भाव भक्ति का जगाया।
जीवन सफल करने आ जाना।
घर मेरे तुम भी आ जाना।।
***चैत्र नवरात्रि पर्व की सभी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं**🌹🌹🙏🌹🌹