घर घर रंग बरसे
होली गीत
अवध मे आये रघुनाथ, घर- घर रंग बरसे।
होली खेलें सिया साथ, घर-घर रंग बरसे।।
चहुँ दिश ॠतु बसंत है छाई।
धरती अंबर मन हरषाई।
मंद मंद बह रही समीरा।
खेल रहे सब रंग अबीरा।
सिया संग खेले रघुनाथ, घर-घर रंग बरसे।
अवध में आए रघुनाथ, घर-घर रंग बरसे।।
बरष पाँच सौ कीन्ह प्रतीक्षा।
न्यायालय मे दीन्ह परीक्षा ।
तब रंजन शुभ घड़ी ये आई।
घर-घर दिवाली है मनाई ।
जब बोले विहँसि रघुनाथ, घर-घर रंग बरसे।
अवध मे आये रघुनाथ, घर-घर रंग बरसे।
पवनपुत्र रंग लेकर आये।
लखनलाल बहुतै हरषाये।
कपि मतवाला खेल निराला।
धन्य अवध के भाग्य विशाला।
गले मिले है दीनानाथ, घर-घर रंग बरसे।
अवध मे आये रघुनाथ, घर-घर रंग बरसे।
स्वरचित:
राजेश तिवारी”रंजन”
बाँदा उत्तर प्रदेश
मो0 9125604777