घर-घर में हो बाँसुरी
जन्मोत्सव श्रीकृष्ण का, आये जब इस बार
घर-घर में हो बाँसुरी, बनें कृष्ण अवतार
बनें कृष्ण अवतार, देह तो है अविनाशी
हो मन भावविभोर, बनें जन-जन अभिलाषी
महावीर कविराय, देश भर में हो उत्सव
यूँ होवे इस बार, राधेकृष्ण जन्मोत्सव*
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*भगवान विष्णुजी के दशावतारों में से आठवें और चौबीस अवतारों में से बाईसवें अवतार श्रीकृष्ण महाराज जी के जन्म के आनन्दोत्सव को ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ के रूप में मनाया जाता है। इसे ‘जन्माष्टमी’ और ‘गोकुलाष्टमी’ भी कहा जाता है। यह हिंदू चंद्रमण वर्षपद के अनुसार, कृष्ण पक्ष (अंधेरे पखवाड़े) के आठवें दिन (अष्टमी) को भाद्रपद में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस्कॉन अंतर राष्ट्रीय संस्था इसे विश्वभर में मानती है।