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16 Feb 2024 · 1 min read

घर घर दीवाली

घर घर दीवाली

जन्मे जिस जगह प्रभु
वही हो गई पराई थी
अपनों के हाथों ही उन्होंने
सही दु:खद जुदाई थी

दु:ख के बादल छंट गए सारे
भोर सुहानी आई है
अयोध्या की पावन धरा आज
हर्षित और मुस्काई है

रामलला लौटे हैं घर को
प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण हुई है
स्वाभिमान बढ़ा देश का
अयोध्या फिर से रोशन हुई है

चारो ओर माहौल खुशी का
बाजे ढोल नगाड़े हैं
जन जन के चेहरे पे रौनक
घर-घर दीवाली आई है

घर घर दीवाली आई है।

इति।
इन्जी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश

63 Views
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