Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jun 2024 · 1 min read

“घर घर की कहानी”

“घर घर की कहानी”
कोई सबको समझने और अपना बना के रखने का जिम्मा उठा रखा था । सबको खुशी देने का दिल में अरमान रखा था। सबको साथ साथ रखने का हर प्रयास कर रहा था। क्या गुनाह था उसका या सोच गलत थी उसकी । लोग समझने के बजाय दूर और दूर होते चले जा रहे थे। सभी अपने , पराए नजर आ रहे थे। घर ऐसा लग रहा था मानो घर में सन्नाटा छा गया हो । किसी को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था।
………✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी

69 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
केवल “ॐ” कार है
केवल “ॐ” कार है
Neeraj Mishra " नीर "
*सर्वोत्तम वरदान यही प्रभु, जिसका स्वास्थ्य प्रदाता है (मुक्
*सर्वोत्तम वरदान यही प्रभु, जिसका स्वास्थ्य प्रदाता है (मुक्
Ravi Prakash
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
ग़ज़ल __आशिकों महबूब से सबको मिला सकते नहीं ,
Neelofar Khan
"जब-जब"
Dr. Kishan tandon kranti
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
जब किसान के बेटे को गोबर में बदबू आने लग जाए
शेखर सिंह
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
धुंध छाई उजाला अमर चाहिए।
Rajesh Tiwari
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
दिल का कोई
दिल का कोई
Dr fauzia Naseem shad
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
यादों को कहाँ छोड़ सकते हैं,समय चलता रहता है,यादें मन में रह
Meera Thakur
🙅आज का उपाय🙅
🙅आज का उपाय🙅
*प्रणय*
மழையின் சத்தத்தில்
மழையின் சத்தத்தில்
Otteri Selvakumar
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
परिंदों का भी आशियां ले लिया...
Shweta Soni
पत्थर की अभिलाषा
पत्थर की अभिलाषा
Shyam Sundar Subramanian
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
Atul "Krishn"
"" *भारत माता* ""
सुनीलानंद महंत
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
हर बार धोखे से धोखे के लिये हम तैयार है
manisha
* फागुन की मस्ती *
* फागुन की मस्ती *
surenderpal vaidya
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
दीपक झा रुद्रा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
किसी ने कहा- आरे वहां क्या बात है! लड़की हो तो ऐसी, दिल जीत
जय लगन कुमार हैप्पी
स्मृतियाँ
स्मृतियाँ
Dr. Upasana Pandey
*जाड़े की भोर*
*जाड़े की भोर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
आ मिल कर साथ चलते हैं....!
VEDANTA PATEL
दुआ किसी को अगर देती है
दुआ किसी को अगर देती है
प्रेमदास वसु सुरेखा
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
पहले की औरतों के भी ख़्वाब कई सजते थे,
Ajit Kumar "Karn"
मेरी फितरत ही बुरी है
मेरी फितरत ही बुरी है
VINOD CHAUHAN
Loading...