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7 Sep 2023 · 1 min read

घर घर कान्हा!

बुना जब जब हमने ताना बाना,
घर घर दिखे हमें नन्हे कान्हा,
अमिट छाप है हम पर इनकी,
उमड पडते हैं पाने को एक झलक इनकी,
बाल्यकाल से ही रहे चमत्कारी,
राधा गोपियां जिन पर बलिहारी,
युवा दहलीज पर कंस को मारा,
मथुरा के जन जन को तारा,
विराट रुप में भरी हुंकार,
कौरव दल का होगा संहार,
द्रौपदी की लाज बचाई,
विदुरानी की शान बढाई,
गीता का देकर ज्ञान,
अबलाओं का बढाया मान,
युग पुरुष यह योगेश्वर कहलाए,
माधव केशव श्री कृष्ण को ध्यायें,
जय जय जय जय श्रीकृष्णा,
राधे कृष्णा राधे कृष्णा!

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