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2 Oct 2016 · 1 min read

घर को अपने ही चिरागों से भी जलते देखा

हद से अपनी कभी रिश्तों को गुजरते देखा
दौरे हाजिर में पुरानो को भी बदलते देखा
*********************************
रौशनी को हम उम्मीदों मे जलाते हैं मगर
घर को अपने ही चिरागों से भी जलते देखा
*********************************
कपिल कुमार
02/10/2016

Language: Hindi
568 Views
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