Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 May 2021 · 1 min read

घबराओ मत

घबराओ मत ये मौसम का बदलाव है
बरस लेने दो उन्हे फिर मिलनी शीतल छांव है
हर परिस्थिति का सामना करो डटकर
फिर मिलनी शीतल छाँव है

राकेश पाठक सतना m. P.

Language: Hindi
Tag: शेर
278 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सही ट्रैक क्या है ?
सही ट्रैक क्या है ?
Sunil Maheshwari
पांव में
पांव में
surenderpal vaidya
मेरा नौकरी से निलंबन?
मेरा नौकरी से निलंबन?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Buddha Prakash
एक लंबी रात
एक लंबी रात
हिमांशु Kulshrestha
नश्वर संसार
नश्वर संसार
Shyam Sundar Subramanian
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
इंजी. संजय श्रीवास्तव
काल का पता नही कब आए,
काल का पता नही कब आए,
Umender kumar
लहसुन
लहसुन
आकाश महेशपुरी
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
दहेज रहित वैवाहिकी (लघुकथा)
गुमनाम 'बाबा'
"सम्भव"
Dr. Kishan tandon kranti
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
Madhuyanka Raj
" शिखर पर गुनगुनाओगे "
DrLakshman Jha Parimal
"जब तक सच में नहीं आती ll
पूर्वार्थ
हुई कोशिशें सदियों से पर
हुई कोशिशें सदियों से पर
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
हिम्मत है तो कुछ भी आसान हो सकता है
नूरफातिमा खातून नूरी
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
Ravi Prakash
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
समस्याओ की जननी - जनसंख्या अति वृद्धि
डॉ. शिव लहरी
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
मन ,मौसम, मंजर,ये तीनों
Shweta Soni
कुछ असली कुछ नकली
कुछ असली कुछ नकली
Sanjay ' शून्य'
2997.*पूर्णिका*
2997.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" हैं पलाश इठलाये "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*वकीलों की वकीलगिरी*
*वकीलों की वकीलगिरी*
Dushyant Kumar
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
44...Ramal musamman maKHbuun mahzuuf maqtuu.a
sushil yadav
वफ़ा  को तुम  हमारी और  कोई  नाम  मत देना
वफ़ा को तुम हमारी और कोई नाम मत देना
Dr Archana Gupta
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
जब तक हमें अहंकार है हम कुछ स्वीकार नहीं कर सकते, और स्वयं क
Ravikesh Jha
मजदूरों से पूछिए,
मजदूरों से पूछिए,
sushil sarna
जालोर के वीर वीरमदेव
जालोर के वीर वीरमदेव
Shankar N aanjna
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
दिन सुखद सुहाने आएंगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
Loading...