Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2021 · 1 min read

घनी सुखवीर ई किस्मत बा जरूरी।।

घनी सुग्घर ई किस्मत बा जरूरी।
समझ लीं ई हकीकत बा जरूरी।

कइल गर बन्दगी जिनिगी में चाहीं,
वेदवन के तिलावत बा जरूरी।

दिखावा से न कवनो काम होई,
जिनिगिया में ई मेहनत बा जरूरी।

सफलता म़े हौसला के सङ्गे जी,
बुजुर्गन के नसीहत बा जरूरी।

अना पऽ आँच जब आवे लगे तऽ,
हिफ़ाज़त म़े बगावत बा जरूरी।

मिटा दीं गर दिखे नापाक हसरत,
अमन के पाक हसरत बा जरूरी।

चले जिनिगी सचिन ई शान से जे,
सुनी शालीन आदत बा जरूरी।

✍️ पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’

1 Like · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all

You may also like these posts

ಕಡಲ ತುಂಟ ಕೂಸು
ಕಡಲ ತುಂಟ ಕೂಸು
Venkatesh A S
तुझ से ऐ जालिम
तुझ से ऐ जालिम
Chitra Bisht
सगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
सगण के सवैये (चुनाव चक्कर )
guru saxena
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
छोड़कर जाने वाले क्या जाने,
शेखर सिंह
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
स्वयं के स्वभाव को स्वीकार और रूपांतरण कैसे करें। रविकेश झा।
Ravikesh Jha
श्री गणेश वंदना:
श्री गणेश वंदना:
जगदीश शर्मा सहज
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
सुशब्द बनाते मित्र बहुत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
कुछ भी नहीं मुफ्त होता है
gurudeenverma198
कर्बला में जां देके
कर्बला में जां देके
shabina. Naaz
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
*स्वच्छ मन (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
जिंदगी के पाठ
जिंदगी के पाठ
Dijendra kurrey
श्याम दिलबर बना जब से
श्याम दिलबर बना जब से
Khaimsingh Saini
दवा नहीं करते
दवा नहीं करते
Dr fauzia Naseem shad
दोस्ती में दूरी
दोस्ती में दूरी
Manisha Bhardwaj
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Rashmi Sanjay
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
Jyoti Roshni
रातें
रातें
Kapil Kumar Gurjar
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
ज्यामिति में बहुत से कोण पढ़ाए गए,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
जिंदगी है तो तकलीफ तो होगी ही
Ranjeet kumar patre
खंडर इमारत
खंडर इमारत
Sakhi
4181💐 *पूर्णिका* 💐
4181💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि
अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि
Rj Anand Prajapati
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
जीवन में ठहरे हर पतझड़ का बस अंत हो
Dr Tabassum Jahan
छंदहीनता
छंदहीनता
Rambali Mishra
जिसका ख़ून न खौला
जिसका ख़ून न खौला
Shekhar Chandra Mitra
कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,
कोई एहसान उतार रही थी मेरी आंखें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ये कैसा घर है ....
ये कैसा घर है ....
sushil sarna
और तराशो खुद को
और तराशो खुद को
संतोष बरमैया जय
सियासी वक़्त
सियासी वक़्त
Shikha Mishra
समय देकर तो देखो
समय देकर तो देखो
Shriyansh Gupta
Loading...