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17 Nov 2024 · 1 min read

घनाक्षरी

8,8,8,6
सुर घनाक्षरी
सृजन शब्द -मेघ

गगन में मेघ कारे,
बरसाते जल धारे,
सुंदर दिखें नजारे,
मन को मोहते।

बरसाते मेघ पानी,
अवनि चुनर धानी,
महकती रात रानी,
विहग डोलते।

पेड़ो पर पींग डाली ,
बोले कोयल काली,
नाचे बजा सब ताली,
खुशियां खोजते।

सीमा शर्मा ‘अंशु’

1 Like · 21 Views

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