घनाक्षरी
विधा मनहरण घनाक्षरी
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एक प्रयास
प्रीत प्यार के रंग हैं
देखो अनेक ढंग हैं,
बतलाए कौन सखी
किसको सुनाती है।1
रंग उडत गगन.
सखी सहेलिन संग
होरी में बतियाँ करे
पिया को सुहाती है ।2
फागुन बौरान लागो
मनवा हर्षान लागो
तनमन में हिलोर
ये होली मचाती है।3
पडत रंग फुहार
भीजत अंग हमार
तिरछी चितवन से
राधिका बुलाती है।4
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मनोरमा जैन पाखी