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4 Feb 2020 · 1 min read

घनाक्षरी- पेड़ की कृपा

घनाक्षरी- पेड़ की कृपा
■■■■■■■■■■■■■
पेड़ों पर इतना न ज़ुल्म करो बन्धु मेरे,
पेड़ की कृपा से सभी जीव यहाँ पलते।

फल चखने के लिए मारते हो पत्थरों से,
फिर भी ये पेड़ भाई हर साल फलते।

आदिकाल से ये पेड़ मित्रता निभा रहे हैं,
छलती है दुनिया ये पेड़ नहीं छलते।

जब कोई मरता है सब छोड़ते हैं साथ,
पेड़ तो मनुज संग देर तक जलते।।

– आकाश महेशपुरी
दिनांक- ०३/०२/२०२०

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