घनाक्षरी छंद: सब को भूकंपरोधी, ज्ञान देना चाहिए….
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गहरी हो चार फीट नीव यदि मंजिल दो,
बीम बाँधे नीव सारी, ध्यान देना चाहिए.
आर० सी० सी० बैंड बांधे कुर्सी व लिंटल को,
दो दो सरिया कोनों पे, तान देना चाहिए.
चार-चार इंच दूरी, कुंडे मुड़े रिंग के हो,
अभियंता को सदैव, मान देना चाहिए.
मौरंग ही अपनाएँ, गुणवत्ता रहे मित्र,
सब को भूकंपरोधी, ज्ञान देना चाहिए..
आकृति, सही आकार, ज्यामिति भली प्रकार.
भवन भूकंपरोधी, बने फ़न चाहिए.
कोनों से हटा दें द्वार, खिड़की भी दें सुधार.
लिंटल हो आर-पार, संतुलन चाहिए.
स्लैब कुछ मजबूत, बीम बस मजबूत,
खम्भे दृढ मजबूत, ऐसा तन चाहिए.
धरें गणना से धार, परीक्षित बार-बार,
यही अभिकल्प सार, उन्नयन चाहिए..
आर्कीटेक्ट जोरदार, ठेकेदार दमदार,
अच्छे रखें किरदार, जिनमें ईमान है |
थोड़ा सा ही अंतर है, लगता है माल वही,
अच्छी नई तकनीक, भवन की जान है |
मत घबराएं कभी, बहका कोई न पाए,
वाल होगी नौ-नौ इंची, यही फरमान है |
माल अच्छा ही लगाएं, मजबूत देश बने,
भवन भूकंपरोधी, तो ही कल्याण है ||
रचनाकार:-इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’
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