घनघोर अंधेरे से गुजर कर ही रोशनी का साथ मिलता है – आनंदश्री
घनघोर अंधेरे से गुजर कर ही रोशनी का साथ मिलता है – आनंदश्री
-ट्रेन और टनेल क्या सिखाती है?
आज काली रात है। मुझे याद आता है कि बचपन मे ट्रैन का सफ़र करते समय बड़े बड़े टनेल, गुफ़ा से ट्रेन गुजरती थी। हम डर जाते थे। सब कुछ अंधेरा हो जाता। सिर्फ ट्रेन की आवाज़ ही आती थी। लेकिन कुछ देर बाद हल्की सी रोशनी का आभास होता, और फिर उजियारा दस्तक देती।
थोडी देर इस अंधेरे का साथ है, आप को कुछ दिखाई न दे रहा हो। चारो ओर सन्नाटे को चीरते हुए डरावनी आवाजे आ रही है।
यही आज हमारे साथ हो रहा है। इस अँधेरनुमा संकट की घड़ी में वेक्सीन और 2DG ने हल्की सी रोशनी ने दस्तक दी है। अब पूरी आशा है कि हम इस संकट से जल्द ही उभरेंगे। आगे बढ़ेंगे। जीतेंगे।
प्रोफ डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
अध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु,
मुम्बई
8007179747