घटेगा अब तो आटा
पा भोजन ससुराल का, खाए रोटी आठ।
एक दिवस के बात ने, पढ़ा दिया है पाठ।।
पढ़ा दिया है पाठ, हुआ है संकट भारी।
बस कुछ दिन की बात, जटा की है तैयारी।।
छोड़ो जल्दी रूम,लगेगा अब तो घाटा।
हुआ है ऐसा काम, घटेगा अब तो आटा।।
✍️जटाशंकर”जटा”
पा भोजन ससुराल का, खाए रोटी आठ।
एक दिवस के बात ने, पढ़ा दिया है पाठ।।
पढ़ा दिया है पाठ, हुआ है संकट भारी।
बस कुछ दिन की बात, जटा की है तैयारी।।
छोड़ो जल्दी रूम,लगेगा अब तो घाटा।
हुआ है ऐसा काम, घटेगा अब तो आटा।।
✍️जटाशंकर”जटा”