ग्रीष्म काल में पेड़
पेड़ की छांँव,
तपती धूप में देती है,
चैन ,सुकून ,आराम ।
पथिक राह में,
ठंडक लेता पेड़ के नीचे,
मुस्कुराता ठहर जाता।
पशु-पक्षी ठहरते,
जून की भीषण गर्मी में,
अठखेलियाँ करते सोते ।
बच्चे देख फल,
तोड़ने की कोशिश करते चढ़ते,
स्वाद लेकर जाते।
हल्की-हल्की हवा,
पेड़ से चलती मन बहलाती,
बैठ पंचायत लगाते।
प्रेम का राग,
इसके तल में पनपने लगता,
मिलते जब साथ।
हरा-भरा पेड़,
प्राणवायु उत्सर्जित करता ढ़ेर,
अवशोषित करता अशुद्धता ।
धरा की गर्मी ,
पेड़ के कारण संतुलित होती ,
वरदान देता जीवन ।
?
#बुद्ध प्रकाश