ग्रीष्मकाल के दौर में
ग्रीष्मकाल के दौर में
हर शाम अपनी छत पर जाएं।
एक घण्टा वहां बिताएं,
आस-पास वालों से बतियाएं।
अच्छा लगेगा आपको।
शायद आपकी छत को भी।।
■प्रणय प्रभात■
ग्रीष्मकाल के दौर में
हर शाम अपनी छत पर जाएं।
एक घण्टा वहां बिताएं,
आस-पास वालों से बतियाएं।
अच्छा लगेगा आपको।
शायद आपकी छत को भी।।
■प्रणय प्रभात■