गर्मी का अहसास
कूलर रोया जल बिना, ए सी हुआ उदास !
इनको भी होने लगा,..गर्मी का अहसास!!
हुआ जरा सा क्या हमे, गर्मी का आभास !
लगे बदलने शीघ्र हम,कूलर की खस घास !!
पूछो उस मजदूर से,.. जो भट्टी के पास !
ग्रीष्मकाल के किसतरह, कटते हैं दो मास!!
रमेश शर्मा.