Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2019 · 1 min read

गौरैया

विधा.. लावणी छंद
★★★★★★★★★

बिन वर्षा जंगल सूखा है, सूखे सब ताल तलैया।
सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया।

उजाड़ दिया आधुनिकता ने,
मेरा हर एक ठिकाना।
छोटे से गमले में बोलो,
कैसे हो वक्त बिताना।
मोबाइल टावर चिमनी नें,
मेरे अपनों को छीना।
जहरीले घातक प्रदुषण में ,
मुश्किल लगता है जीना।
चक्र व्यूह में फँसा ज़िन्दगी,लगता अब भूलभुलैया।
सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया।

बाग गये मुरझा आमों के,
बचे नहीं हैं फुलवारी।
फूल सजे हैं गुलदस्तों में,
लेकिन सूखी है क्यारी।
भटक रही हूँ इधर-उधर मैं,
हर जगह लगाती फेरा ।
आते-जाते खोज रही हूँ,
मिल जाये कहीं बसेरा ।
मेरे घर को नहीं उजाड़ो ,तुम मुझे बचा लो भैया।
सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया।

ढ़ूढ़ रही हूँ दाना-पानी,
बेकल हूँ भूखी- प्यासी।
दूर-दूर तक उड़ने पर भी,
लगती है हाथ उदासी।
ऊँची-उँची महलों वाली,
ये बड़ी फरेबी दुनिया।
खपरैल ढूंढती फिरती हूँ,
मैं तो नन्हीं- सी चिड़िया।

देख दर्द आँखों में उतरा , ये विकट काल की छैंया।
सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया।

हम तो हैं संकट में साथी,
अब तो तुम हमें बचाओ।
छत पर दाना पानी डालो,
हरे-भरे पेड़ लगाओ।
फुदक- फुदक कर सबके दिल को,
मैं हर दिन हर्षाऊँगी।
रोज सुबह अपने चीं -चीं से,
घर-आँगन महकाऊँगी।

रहने दो हमको आंगन में, ले लूँगी सभी बलैया।
सूखी टहनी पर बैठी हूँ,मैं गुमसुम-सी गौरैया।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

2 Comments · 254 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

बाल मज़दूरी
बाल मज़दूरी
Mandar Gangal
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
*भारत माता को नमन, अभिनंदन शत बार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
2504.पूर्णिका
2504.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
सच जिंदा रहे(मुक्तक)
गुमनाम 'बाबा'
जिंदगी
जिंदगी
Sonu sugandh
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Packers and movers in Jind |Movers and Packers in Jind
Hariompackersandmovers
बहुत छुपाया हो गई,
बहुत छुपाया हो गई,
sushil sarna
अपनी कलम से.....!
अपनी कलम से.....!
singh kunwar sarvendra vikram
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
सूरज चाचा ! क्यों हो रहे हो इतना गर्म ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
इनका एहसास खूब होता है ,
इनका एहसास खूब होता है ,
Dr fauzia Naseem shad
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
गलतियाँ करना ''''अरे नही गलतियाँ होना मानव स्वभाव है ।
Ashwini sharma
काम चले ना
काम चले ना
ललकार भारद्वाज
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
शब की रातों में जब चाँद पर तारे हो जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" मसला "
Dr. Kishan tandon kranti
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
अंदर कहने और लिखने को बहुत कुछ है
Shikha Mishra
कौन है सबसे विशाल ?
कौन है सबसे विशाल ?
उमा झा
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
अकेले तय होंगी मंजिले, मुसीबत में सब साथ छोड़ जाते हैं।
पूर्वार्थ
अपना गम देख कर घबरा गए
अपना गम देख कर घबरा गए
Girija Arora
गीत- मिली है ज़िंदगी इसको...
गीत- मिली है ज़िंदगी इसको...
आर.एस. 'प्रीतम'
#प्रसंगवश....
#प्रसंगवश....
*प्रणय*
बदलते रिश्ते
बदलते रिश्ते
Ashwani Kumar Jaiswal
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
क्यों हो गया अब हमसे खफ़ा
gurudeenverma198
मजदूर हूँ साहेब
मजदूर हूँ साहेब
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
संवेदनशीलता मानव की पहचान
संवेदनशीलता मानव की पहचान
Vindhya Prakash Mishra
निर्णय
निर्णय
indu parashar
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
कागज मेरा ,कलम मेरी और हर्फ़ तेरा हो
Shweta Soni
#हे राम !
#हे राम !
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जय गणेश देवा
जय गणेश देवा
Santosh kumar Miri
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Life is not a cubic polynomial having three distinct roots w
Ankita Patel
Loading...