Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2017 · 1 min read

गौरैया : नवगीत

नवगीत

*
जब उठ जाये दाना पानी!
उस मुंडेर पर बैठे रहना,
प्रिय गौरैया! है नादानी!!
*
जाने किसके मन में क्या है?
जग की बातें सभी निराली!
सबके सपने रंग बिरंगे,
लेकिन सबकी जीभें काली!
बूढ़ी दादी के दुःख को ही,
समझ न पायी बूढ़ी नानी!
*
द्वेष भरा है, दम्भ भरा है,
डस लेने की बेचैनी है!
हर तोते पर, हर कोयल पर,
आँखें गिद्ध रखे पैनी है!
आकर उड़ जाते हैं खंजन,
कौओं से भर जाती छानी!!
*
आँगन ठहरे दिन संन्यासी,
सुस्तायेंगे, निकल जायँगे!
कुछ मायावी बंधन सबको,
अजगर बनकर निगल जायेंगे!
बनते और बिगड़ते रिश्ते,
सारी बातें आनी जानी!!

जब उठ जाये दाना पानी!
*
डॉ.₹!मकुमा₹ ₹!मरि या, 18.6.16, प्रात: ४.३०, ‘नियति

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 282 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
सतरंगी आभा दिखे, धरती से आकाश
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्या आज हो रहा है?
क्या आज हो रहा है?
Jai Prakash Srivastav
जिनका मैंने हर समय, रखा हृदय से ख्याल
जिनका मैंने हर समय, रखा हृदय से ख्याल
RAMESH SHARMA
माता-पिता वो नींव है
माता-पिता वो नींव है
Seema gupta,Alwar
आये हो तुम मेरे अंगना
आये हो तुम मेरे अंगना
Buddha Prakash
वर्तमान
वर्तमान
Kshma Urmila
" बोझ "
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*नज़ाकत या उल्फत*
*नज़ाकत या उल्फत*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
गीत सुनाता हूं मरघट के सुन पाओगे।
Kumar Kalhans
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
श्रीकृष्ण शुक्ल
जब कभी तुमसे इश्क़-ए-इज़हार की बात आएगी,
जब कभी तुमसे इश्क़-ए-इज़हार की बात आएगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2880.*पूर्णिका*
2880.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
युद्ध और शांति
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
अमृतमयी प्रेम
अमृतमयी प्रेम
Nitin Kulkarni
तेरा मेरा नाता
तेरा मेरा नाता
Akash RC Sharma
वक्त गर साथ देता
वक्त गर साथ देता
VINOD CHAUHAN
बुझ गयी
बुझ गयी
sushil sarna
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ഒന്നോർത്താൽ
ഒന്നോർത്താൽ
Heera S
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
हाँ, ये आँखें अब तो सपनों में भी, सपनों से तौबा करती हैं।
Manisha Manjari
ये हल्का-हल्का दर्द है
ये हल्का-हल्का दर्द है
कवि दीपक बवेजा
गर्दिश में सितारा
गर्दिश में सितारा
Shekhar Chandra Mitra
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
..
..
*प्रणय*
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
वेदना ऐसी मिल गई कि मन प्रदेश में हाहाकार मच गया,
Chaahat
कुदरत
कुदरत
Rajesh Kumar Kaurav
गुज़िश्ता साल -नज़्म
गुज़िश्ता साल -नज़्म
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
Loading...