गोवर्धन वंदना (व्यंग रचना)
दुष्टों की ही जय आज
दुष्टों की विजय आज
दुष्ट पापियों से देश
आजाद कराइये।।
संकटो का काल अब
जनता बेहाल सब
गिरधारी गोवर्धन
आइये उठाइये।।
दुष्प्रचार करके जो
बनते हैं होशियार
चालाकों को जीत नहीं
हार दिलवाइये।।
चाहिए अनार बात
करते हैं आम की जो
आइये प्रभुजी उन्हें
इमली चटाइये।।